अगर आप शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं और B.Ed की तैयारी कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने हाल ही में B.Ed को लेकर कई बड़े और ऐतिहासिक बदलावों की घोषणा की है, जिनका असर देशभर के लाखों छात्र-छात्राओं पर पड़ेगा।
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B.Ed कोर्स होंगे सिर्फ मल्टीडिसीप्लिनरी संस्थानों में
NCTE की नई गाइडलाइन्स के मुताबिक अब B.Ed कोर्स केवल उन्हीं कॉलेजों में मान्य होंगे, जो मल्टीडिसीप्लिनरी संस्थान होंगे। यानी जहां B.A., B.Com., B.Sc. जैसे अन्य डिग्री कोर्स भी संचालित हो रहे हों। जो संस्थान केवल B.Ed चलाते थे, उन्हें 2030 तक किसी डिग्री कॉलेज में मर्ज होना पड़ेगा या फिर उन्हें बंद कर दिया जाएगा।
ITEP के जरिए मिलेगा B.Ed में प्रवेश
NCTE ने स्पष्ट किया है कि अब नए छात्रों को ITEP (Integrated Teacher Education Programme) के माध्यम से ही B.Ed में प्रवेश मिलेगा। यह 4 वर्षीय कोर्स होगा जिसमें 12वीं के बाद सीधे दाखिला मिलेगा। इसमें विद्यार्थी BA/B.Com/B.Sc. के साथ B.Ed की डिग्री भी एक साथ प्राप्त कर सकेंगे।
B.Ed कोर्स में अब केवल 50 सीटें
नए नियमों के अनुसार, किसी भी B.Ed कोर्स में अधिकतम 50 छात्रों को ही प्रवेश दिया जाएगा। इससे शिक्षकों और छात्रों के बीच सही अनुपात बना रहेगा और विद्यार्थियों को बेहतर मार्गदर्शन मिल सकेगा।
दो वर्षीय B.Ed कोर्स होंगे बंद
अब तक चल रहे दो वर्षीय B.Ed कोर्स और पुराने चार वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्सेज को बंद किया जाएगा। अब केवल ITEP ही मान्य होगा जिसे NCTE ने मान्यता दी है। इससे फर्जी कॉलेज और कोर्सेज पर भी नियंत्रण लगाया जा सकेगा।
इन बदलावों से क्या लाभ होगा?
इन बदलावों से शिक्षक बनने की प्रक्रिया अधिक व्यावहारिक और गुणवत्ता युक्त होगी। अब विद्यार्थियों को एक स्पष्ट मार्ग मिलेगा, जिसमें प्रैक्टिकल ट्रेनिंग को भी विशेष महत्व दिया गया है। साथ ही भविष्य में शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में ITEP धारकों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे योग्य अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरी पाने में सुविधा होगी।